छाया / रेखा चित्रकारी
Friday, March 11, 2011
त त त तोता
कभी नदिया तो कभी पेड़ पर होता ,
इस गाँव जग उस गाँव कभी सोता ,
मैं तोता, मैं तोता !
सुखी राम और दुखी राम
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